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Sunday, January 23, 2011

मैं आज़ाद हूँ ( I am free)



मैं आज़ाद हूँ
मैं परिंदा हूँ
मैं आसमान को छू सकता हूँ
मैं धरती को चूम सकता हूँ |
हर रोज़ मैं निकल पड़ता हूँ एक नयी मंजिल की खोज में
हर खोज घरोंदे से ले चलती है एक नयी दिशा में ||

एक नया आसमान
एक नयी धरती
कुछ फासला और
कुछ उम्मीदें नयी |
हर रोज़ मैं देखता हूँ एक नया सपना 
हर रोज़ मैं बनाता हूँ एक दोस्त अपना ||

एक नया अजनबी
एक नया यार
कोई धोखा 
कोई सहारा |
रास्ते कठिन, कई ठोकरें, मोड़ कई, मुश्किलें नयी
कुछ अजनबी यार, कुछ यार अजनबी ||

ज़िन्दगी आसान नहीं होती
जीवन ना है बुजदिलों का खेल |
बस बड़ चलो अपनी दिशा की ओर
बस बड़ चलो कुछ फासला और ||